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How to improve communication skills in Hindi
(संचार कौशल को कैसे सुधारे..?)
दोस्तों आइए सबसे पहले जानते हैं कम्युनिकेशन स्किल क्या है.? आप अपनी बात सामने वाले के समक्ष कैसे प्रभावी ढंग से रखते हैं जिससे सामने वाला व्यक्ति आपकी बातों से प्रभावित हो जाए इसे ही कम्युनिकेशन स्किल कहते हैं।
यह एक बात करने की कला है जो आपके व्यक्तित्व को निखारता है। दुनिया की हर कला एक तरफ और बात करने की कला एक तरफ है। जितनी आपकी कम्युनिकेशन स्किल अच्छी होगी आप उतना ही जीवन में सफल रहेंगे।
देखा गया है कि जिन लोगों में आत्मविश्वाश की कमी होती हैं उनकी संचार कौशल अच्छी नहीं होती। वे अपना विचार प्रकट करने से कतराते हैं। उन्हें हमेशा अपनी मजाक उड़ाए जानें का डर रहता है। वे लोगों के बीच बाते करने से हिचकते हैं। इंटरव्यूज या मंच पर बोल नहीं पाते।
जी हां दोस्तों, संचार कौशल में सुधार करने का सबसे व्यापक और प्रभावी तरीका है "अभ्यास"। यह स्किल हम अभ्यास के माध्यम से सीखते हैं।
हालांकि कुछ easy tips की मदद से हम इसमें सुधार कर सकते हैं। तो आइए इन तथ्यों को बारीकी से देखते हैं।
#first listen
व्यक्ति की बोलने की क्षमता से कई गुना अधिक होता है सुनने की क्षमता। इसलिए आप पहले सुनने की आदत का विकास करे। जब कोई छोटा बच्चा होता है तो वो सबसे पहले बातो को सुनता है, फिर उस बात का अपने अंदर अवलोकन करता है और फिर बोलने का प्रयास करता है। वह इस प्रक्रिया द्वारा बोलना सीखता है। अर्थात First Listening , second Obejrbing then speaking
#Start in your own mother language आप इसकी शुरुआत अपनी मातृभाषा में कर सकते हैं। हम सभी अपनी मातृभाषा को बोलने में सहजता महसूस करते हैं। इसलिए संचार कौशल को सीखने का यहीं से शुरुआत करें। इसके लिए आप अपने आसपास के लोगों से, घरों में, दोस्तों से बेझिझक बातें करें। अपने विचारों का आदान–प्रदान करें। तथ्यों को समझे उस पर बातें करें। मातृभाषा पर पूरी कमांड हो जाने पर स्कूलों, कॉलेजो, समसामयिक मुद्दों पर वाद–विवाद का आनंद ले। ध्यान रहे संचार विवादास्पद नहीं होना चाहिए। आप इस क्रिया द्वारा अपने संचार कौशल में धीरे-धीरे सुधार अवश्य ला पाएंगे।
#Body Language
आपको जानकर हैरानी होगी कि संवाद करने में 7% ही आपके शब्द होते हैं और 30% आपके टोन होते हैं और 55% आपकी बॉडी लैंग्वेज काम करती है। यानी आपकी बॉडी लैंग्वेज से ही आपके आधे शब्द बया होती है। यदि लकड़ी के लट्ठे की तरह खड़े होकर किसी भी विचार को प्रकट करेंगे तो सुनने वाला व्यक्ति हतोत्साहित हो सकता है। उसे आपकी बातों में कोई रुचि नहीं आएगी और फिर वह आपकी बातें सुनना पसंद नहीं करेगा। लेकिन आप उसी विचार को सामने वाले व्यक्ति के समक्ष सक्रिय बॉडी लैंग्वेज के साथ यानी शारीर को फ्री रखे , हाथों का कोडिनेशन करे , पावर पोजिशन में खड़े होकर रखते हैं तो वह आपकी बातें सुनने के लिए प्रोत्साहित होगा।
#Eye Contect
ध्यान रहे बॉडी लैंग्वेज के साथ-साथ आई कांटेक्ट पर भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। यदि आप किसी से बातें कर रहे हैं और अपनी नजरें चुरा रहे हैं तो सामने वाला समझेगा कि आप उसकी बातों में रुचि नहीं ले रहे हैं। इसलिए जब भी बातें करें आई कांटेक्ट बनी रहनी चाहिए। यह आपके कॉन्फिडेंस को दर्शाता है। इसका सामने वाले व्यक्ति पर अच्छा impact पड़ता है और उस व्यक्ति को यह लगता है कि आप उसकी बातों को अधिक गहनता से ले रहे हैं।
#Be to the Point
अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करें। विषय पर बने रहे। अर्थात बात करते समय अपने तथ्यों से इधर–उधर ना भटके। आप जिस भी टॉपिक पर बातें करने जा रहे हैं। उसकी पूरी जानकारी आपको होनी चाहिए। आधी – अधूरी जानकारी आपको शर्मिंदगी महसूस करवा सकती है। वार्तालाप करते समय सही शब्दों का चयन अति महत्वपूर्ण है। किसी भी प्रकार की व्याकरण में त्रुटि न हो इसका खास ख्याल रखें। संवाद करते समय अनावश्यक बातें प्रयोग ना करें। जो सामने वाले के लिए मायने रखता है केवल वही बातें करें।
#Positive Atitude
सकारात्मक रवैया आपके आत्मविश्वास को दर्शाता है। आपका सकारात्मक ऊर्जा संचार कौशल पर अच्छा प्रभाव डालता है। जब भी आप किसी से संवाद करे तो चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान अवश्य होनी चाहिए।
दोस्तों ये कुछ छोटे छोटे स्टेप्स है जिसे आप फॉलो कर अपने संचार कौशल को और भी बेहतर तरीके से निखार सकते हैं।
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