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बनेश्वर धाम.... शिव मंदिर
Baneshvar Tempal
साथियों हमारे देश में भगवान शिव के कई विख्यात मंदिर है। जहां हर रोज श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। प्रत्येक धार्मिक स्थल का अपना एक इतिहास होता है। उनसे जुड़ी कई धार्मिक मान्यताएं और विशेषताएं होती है। उन्हीं में से एक है भगवान महादेव का मंदिर बनेश्वर धाम। आज मैं जिस धार्मिक स्थल के विषय में बताने जा रही हूं। वह महाराष्ट्र के पुणे जिले से दक्षिण-पश्चिम में लगभग 36 किलोमीटर दूरी पर नसरापुर गांव में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
आइए जानते हैं इस Artical में बनेश्वर मंदिर का इतिहास, धार्मिक मान्यताएं और इस मंदिर की विशेषताएं।
#इतिहास
यह स्थल बनेश्वर धाम के नाम से प्रसिद्ध है। मंदिर नसरापुर नामक गांव में स्थित है। यह मंदिर जंगल के बीचो-बीच है। यहां का वातावरण शांत और मनोरम है। यह स्थल अत्यधिक रमणीय है। बनेश्वर धाम प्रकृति प्रेमियों का पसंदीदा प्लेस है। बनेश्वर मंदिर का निर्माण 1749 ईस्वी में पेशवा बाजीराव के पुत्र बालाजी बाजीराव ने करवाया था। इस मंदिर की वास्तुकला मध्यकाल की है। इसके निर्माण कार्य में लगभग एक 11426 रुपए 8 आने और 6 पैसे की लागत आई थी।
# धार्मिक मान्यताएं
मंदिर में एक प्राचीन घंटी है। 1739 ई. में पुर्तगालियों पर एक महान जीत के बाद चिमाजी अप्पा द्वारा जीत के उपलक्ष
पर कब्जा कर लिया गया। घंटी पर एक क्रॉस का निशान है जो यह बताता है कि यह घंटी एक चर्च की थी। जिसे युद्ध में जीतने के बाद यहां स्थापित की गई।
बालाजी द्वारा स्थापित इस मंदिर में भगवान शिव की प्रतिमा मंदिर के गर्भ गृह में है। इस गर्भ गृह में जाने से पहले हमें भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति का दर्शन होता है। तत्पश्चात हम नीचे गर्भगृह में प्रवेश करते हैं। यहीं पर उत्तर मुखी शिवलिंग की प्रतिमा स्थापित है। इस शिवलिंग की मुख्य बात यह है की इस शिवलिंग के नीचे एक गर्भगुहा है। जिस में हाथ डालने पर पता चलता है कि एक गोलाकार पत्थर पर शिवलिंग की प्रतिमा खोदी गई है। वास्तव में यही असली शिवलिंग है। जिसके ऊपर सदैव पानी बहता रहता है। यह पानी मंदिर के पश्चिम दिशा में स्थित झरना से गिरता है।
#विशेषताएं
नसरापुर स्थित बनेश्वर मंदिर की प्रमुख विशेषता है कि यह धार्मिक स्थल होने के साथ ही इसके उत्तर दिशा में स्थित एक पक्षी वन अभ्यारण है। जिसे देखने दूर - दूर से लोग आते हैं। जिसमें दुर्लभ प्रजातियों के पक्षी पाई जाती है। इसे हाल ही में खोजा गया है। यह उद्यान अत्यन्त सुन्दर और शांत हैं। यहां जीवन की भागदौड़ से दूर कुछ पल सुकून से बिताने के लिए लोग आते हैं।
इसकी खास विशेषता है कि इस उद्यान में कई प्रकार की adventure activity करने के लिए मिलता है। यह बहुत ही हराभरा है। इस उद्यान से हमें water Fall का नजारा देखने को मिलता है। यह वॉटर फॉल मन्दिर के पीछले हिस्से में स्थित है। यह देखने में अत्यंत मनमोहक लगता है। इसी झड़ने से पानी बहती हुई मंदिर के शिवलिंग पर गिरती है। यहां बारिश के मौसम में अधिक भीड़ होती है। यहां ट्रैकिंग (tracking) के शौकीन ट्रैकिंग करने के लिए दूर-दूर से आते हैं सच में यहां प्रकृति का वास है।
#गैलरी
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